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-पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों के फैसले को पलटते हुए दोषियों को निर्दोष दिया था करार

-मुख्यमंत्री धामी ने पीङिता के परिजनों को न्याय दिलाने का दिया था भरोसा

देहरादून। छावला केस की पीड़िता उत्तराखंड की बेटी को न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयास रंग लाते दिख रहे हैं। इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने को मंज़ूरी दे दी है। मामले में सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को नियुक्त करने को भी मंज़ूरी प्रदान की गई है।
गौरतलब है कि 9 फरवरी 2012 को दिल्ली के छावला द्वारका में 19 वर्षीय युवती के साथ रेप के बाद दुष्कर्म की जघन्य घटना प्रकाश में आई थी। मामले में तीनों अभियुक्तों को जिला न्यायालय ने दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी जिसे हाइकोर्ट दिल्ली ने भी बरकरार रखा था। हालांकि अभी कुछ दिनों पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए निर्दोष करार ठहराया था।
तभी से इस मामले में पूरे उत्तराखंड एवं देशभर से रिव्यु पेटिशन की मांग की आवाजें उठ रही है। इस पूरे मामले को उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। वह इस मामले में लगातार पीड़िता के परिजनों के संपर्क में बने हुए थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक दिन पूर्व ही नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन में छावला केस की पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात कि थी और भरोसा दिलाया था कि उत्तराखण्ड की बेटी को न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है। इस मामले में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू से भी बात की है। मामले से संबंधित वकील चारू खन्ना से भी पूरी जानकारी ली है।
अब, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के यह प्रयास रंग लाए हैं। इस प्रकरण में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने को मंजूरी दे दी है।
इस मामले में सरकार की तरफ से एसजी तुषार मेहता और एडिशनल एसजी ऐश्वर्या भाटी को नियुक्त करने को भी मंज़ूरी दी गई है।

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