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नैनीताल :::- नई दिशाएँ समिति के तत्वाधान में आज 09/02/23 तथा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से हिमालय की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं विकास हेतु कुमाऊँ मण्डल के नैनीताल में 20 दिवसीय पारम्परित लोक कलाओं के प्रशिक्षण के उपरान्त सात नम्बर मल्लीताल रामलीला स्टेज नैनीताल में उत्तराखण्ड के पारम्परिक और पौराणिक लोक गाथा लोक नृत्य लोकगीत कार्यक्रमों का आयोजन किया मॉ नन्दा सुनन्दा की स्तुति , “ नन्दा राजजात ” यात्रा और पारम्परिक झोड़ा पारम्परिक लोकगीत व लोक नृत्यों की सुन्दर प्रस्तुति नई दिशाए समिति के कलाकारों द्वारा दी गयी । कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री अजय कुमार जी संस्कृति विभाग कुमाऊँ मण्डल नैनीताल व श्री पूरन चन्द्र पाण्डे सचिव रामलीला कमेटी नैनीताल ने द्वीप प्रज्वलित करके किय गया । इस अवसर पर स्वच्छ भारत अभियान व आजादी 75 वॉ अमृत दिवस पर परिचर्चा एवं प्रचार – प्रसार भी किया गया । इस अवसर पर संस्था द्वारा किये जा रहे कार्यक्रमों की मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि द्वारा भूरी – भूरी प्रसंसा की और इससे हिमालय की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण सर्वधन एवं विकास में हमेशा दे रही है । नई दिशाएँ समिति के कार्यों की सराहना की । कार्यक्रम का संचालन कर रहे श्री उमेश काण्डपाल जी ने कहा की हिमालय की विशालता को समझना ही हिमालय का विकास है हिमालय अनन्तकाल से मानवता को नाना रूपों में सुख समृद्धि बॉटता आ रहा है । हिमालय ने हमें जैव विविधता के साथ सांस्कृतिक विविधता का भी अवदान दिया है । उत्तराखण्ड की हिमालय लोक सांस्कृतिक , गीत संगीत और त्यौहार दूर बसे लोगों को आज भी अपनी ओर आकर्षित करते है । नई दिशाएँ समिति के सचिव किशन लाल जी द्वारा अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ व प्रतिक चिन्ह दे कर किया गया । सभी अतिथियों व सम्मानित जनता व कलाकारों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का शुभारंभ नई दिशाए समिति के अध्यक्ष किशन लाल द्वारा मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि का बैज लगाकर स्वागत किया गया। जिसके पश्चात वन्दना ओ नन्दा सुनन्दा तु दैण है जाये गीत के साथ ही एकल गीत, पारम्परिक झोड़ा नृत्य -सिलगढ़ी का पाला छाला, छेपली नृत्य – हीट् मेरी लछीमा पहाड़ लै जानू को दर्शकों ने खूब सराहा।

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