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रिपोर्ट :: कांता पाल, नैनीताल

नैनीताल :: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के स्कूलों में छात्रों द्वारा जमा की जाने वाली संचायिका के लाखों रुपए में गड़बड़ी कर दुरपयोग किए जाने और संचायिका का पैसा छात्रों को नही लौटाए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमुर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है।

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मामले के अनुसार आरटीआई क्लब देहरादून ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 2016 तक स्कूली छात्र छात्राओं से बचत को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ धनराशि फीस के साथ संचायिका के रूप में जमा करायी जाती थी जो स्कूल छोड़ने पर उन्हें वापस कर दी जाती थी। लेकिन राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2016 में इसे बंद कर दिया गया। लेकिन बहुत से स्कुलों ने संचायिका में जमा धनराशि छात्रों को वापस न लौटाकर इसमे गड़बड़ी कर इसका दुरुपयोग किया जा रहा है। जनहित याचिका में कहा गया है कि संचायिका का पैसा छात्रों को वापस किया जाए और इसमे घोटाला करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। अगर स्कूल इस पैंसे को वापस नही करते है तो इसका उपयोग स्कूल के सुविधाओं में किया जाय।

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