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रिपोर्ट :: कांता पाल, नैनीताल

नैनीताल :: मुलुक लोक कला एवं सांस्कृतिक संस्थान के तत्वाधान में तथा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से हिमालय क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं विकास के लिए कुमाऊँ मण्डल के मैनीताल 25 दिवसीय पारम्परित लोक कलाओं के प्रशिक्षण के उपरान्त नारायण नगर नैनीताल उत्तराखण्ड की लोक गाथा पर आधारित ” नन्दा राजजात ” यात्रा और पारम्परिक लोक गीत एवं लोक नृत्यों का आयोजन जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि द्वारा दीप प्रज्जवलित करके किया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जगदीश प्रसाद आर्य सेवानिवृत्ता आबकारी विभाग राम नारायण सर सेवानिवृत्त कुमाऊँ मण्डल विकास निगम कार्यक्रम के संचालक ने कहा कि हिमालय की विशालता को समझना ही हिमालय का विकास है। हिमालय अनंत काल से मानवता को नाना रूपों में सुख – समृद्धि बाटता आ रहा है । हिमालय ने हमें जैव विविधता के साथ संस्कृति विविधता का अवदान भी दिया है। पर्वतों को बालों में और उत्तराखण्ड अपनी संस्कृति को लेकर पूरे देश में प्रसिद्ध है।

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मुलुक लोक एवं सांस्कृतिक संस्थान के अध्यक्ष चन्दन सिंह मेहरा ने अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ देकर किया, संस्थान के ओर से अतिथियों को शाल उड़ाकर प्रतीक भेंट किया गया। उन्होनें सम्मानित दर्शकों का भी आभार व्यक्त किया।

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  • मुलुक लोक कला एवं संस्कृति कार्यक्रम इस प्रकार रहा।
  • वन्दना – नन्दा मैया तेरी जय जय जयकार।
  • गीत कविता जोशी – कुमाऊंनी।
  • झोडा- छपेली नृत्य।
  • गीत अजय कुमार – कुमाऊँनी ( आज कुछ मैता जा )।
  • ग्रुप नृत्य – कुमाऊँनी।
  • गीत- ललित मोहन द्वारा कुमाऊँनी।
  • नन्दा राजजात यात्रा।
  • गीत- कविता जोशी जी द्वारा कुमाऊँनी।
  • ग्रुप नृत्य – गढ़वाली कम प्यौरो चौमासा डाड्यू में।
  • गीत – ललित मोहन द्वारा कुमाऊँनी।
  • मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि को प्रतिक चिन्ह देकर सम्मान व उनके द्वारा सम्बोधित किया गया।
  • मंच संचालन दिलावर सिराज ने किया।