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नैनीताल :::- उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने डिग्री कालेजों में छात्र संघ का चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों की उम्र में दो साल की छूट देने को कहा है ।
देहरादून डी ए वी कालेज के छात्र अंकित बिष्ट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि वह कालेज छात्र संघ का चुनाव लड़ना चाहता है । किंतु पिछले दो वर्षों में कोविड महामारी के कारण छात्र संघ चुनाव नहीं हो सके और वह अब आयु सीमा अधिक होने के कारण छात्रसंघ चुनाव नहीं लड़ पा रहा है । इसलिये उसे चुनाव लड़ने हेतु आयु सीमा में दो साल की छूट प्रदान की जाए । जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए डी ए वी कालेज प्रशासन से अंकित बिष्ट को दो साल की छूट प्रदान करने के निर्देश दिए हैं । मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमुर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ में हुई।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण पिछले दो शैक्षणिक सत्रों में कॉलेज में कोई चुनाव नहीं हो सका। याचिकाकर्ता जो डीएवी (पीजी) कॉलेज, देहरादून का छात्र है, को छात्रसंघ चुनाव में भाग लेने के किसी भी अवसर से वंचित कर दिया गया था। कॉलेज यूनियन के चुनाव में भागीदारी शिक्षा का एक अभिन्न अंग है । इससे छात्रों को उनके नेतृत्व गुणों को विकसित करने का अवसर दिया जाता है । हाईकोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता को इस तरह के एक मूल्यवान अधिकार से वंचित कर दिया गया है, इसलिए, रिट याचिका स्वीकार की जाती है।
कोर्ट ने कॉलेज प्रशासन से निर्वाचन में भाग लेने के उद्देश्य से याचिकाकर्ता को आयु में दो वर्ष की छूट प्रदान करने का निर्देश दिया है। इसे प्राथमिकता के रूप में लिया जा सकता है और किसी भी अन्य उम्मीदवारों को, जिन्हें चुनाव में भाग लेने के किसी भी अवसर से वंचित किया गया है, को भी दो साल के लिए आयु में छूट दी जा सकती है।

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