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नैनीताल :::::- उत्तराखंड हाई कोर्ट ने नगर पंचायत पुरोला में विकास कार्यों के लिए वित्तीय व प्रसाशनिक स्वीकृति मिलने के बाद उन कार्यो को बिना किसी सूचना के निरस्त किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमुर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेस करने को कहा है।
आपकों बता दे पुरोला उत्तरकाशी निवासी हरिमोहन सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि दिसम्बर 2021 में मुख्यमंत्री जी द्वारा पुरोला नगर पंचायत के विकास कार्यो हेतु 16 बिकास कार्यो की घोषणा की थी। जिनका साशनादेश 31 दिसम्बर 2021 को जारी भी हो गया। कुछ समय बाद अचार सहिंता लग जाने के कारण आगे की कार्यवाही रुक गयी। 31 मार्च को प्रसाशन ने पाँच कार्यो के लिए करीब 18 करोड़ रुपये की वितीय व प्रशाशनिक स्वीकृति दे दी और साशनादेश जारी कर दिए। जिनमे पुरोला नगर पंचायत के लिए ओपन जीम,नालियां, सड़कें ,बस व टैक्सी स्टैंड आदि थे। नगर पंचायत ने इन कार्यों को कराने के लिए निविदाएं आमंत्रित की और टेंडर होकर कार्यदायी कार्यदायी संस्थाओं के साथ अनुबंध तक करा दिए। अनुबंध होते ही सरकार ने इन पांचों कार्यो को निरस्त कर दिया। याचिका में कहा गया कि सरकार ने उनके साथ छल किया । चुनाव से पहले 16 विकास कार्यों की घोषणा की। 5 कार्यो के लिए वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान हुई।चुनाव जीत जाने के बाद उनको भी निरस्त कर दिया। जनहित याचिका में स्वीकृत पाँच बिकास कार्यो को कराए जाने की मांग की गई है।

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