ख़बर शेयर करें -

नैनीताल जिले के स्कूलों में हिंदी माध्यम के साथ अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के बच्चे भी कुमाऊंनी सीखेंगे। पहले चरण में हल्द्वानी, कोटाबाग, रामनगर के स्कूलों में किताबें वितरित की जा रही हैं। शहरी क्षेत्र होने के कारण यहां ज्यादातर विद्यार्थी बोलने में हिंदी भाषा का ही इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद अन्य विकासखंडों में यह पुस्तक जारी की जाएगी। कुमाऊंनी भाषा के प्रचार-प्रसार और नई पीढ़ी के बच्चों को अपनी संस्कृति से जोड़ने के लिए
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की पहल पर जिले के स्कूलों में कुमाऊंनी भाषा की किताब पढ़ाई जाएंगी। हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के कक्षा एक से पांच तक के छात्र-छात्राएं इस पुस्तक से कुमाऊंनी भाषा का अध्ययन करेंगे। क्षेत्रीय भाषा के ज्ञान के लिए कुमाऊंनी भाषा की किताब को पाठ्यक्रम के साथ जोड़ा गया है। किताबों के नाम पाजेब, हंसूली, धागुली आदि हैं। सीईओ केएस रावत ने बताया कि कुमाऊंनी भाषा की किताबों छपकर आ गई हैं। पहले चरण में करीब दस हजार किताबं छपी हैं।। हल्द्वानी, कोटाबाग, रामनगर के स्कूलों में किताबों का वितरण किया जा रहा है। पहली बार एकेडमिक में कुमाऊंनी किताब को मिला स्थान मिला है। इससे कुमाऊंनी भाषा का प्रचार होगा और नई पीढ़ी के बच्चों को अपनी भाषा और संस्कृति का ज्ञान मिलेगा। जानकारी के अनुसार किताबों में कुमाऊंनी भाषा में बोले जाने वाले आम शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। स्कूली बच्चे पहली बार अंग्रेजी, हिंदी, विज्ञान विषयों के साथ कुमाऊंनी भाषा की किताबें भी पढ़ेंगे।

यह भी पढ़ें 👉  नैनीताल टाइम्स :: सृष्टि ट्रस्ट के प्रोजेक्ट डिजिटल शक्ति कार्यक्रम में अल्मोड़ा के 83 सरकारी स्कूलों में विजेताओं की घोषणा की गई