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नैनीताल – हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच के आरोपी वसीम रिजवी उर्फ जितेन्द्र नारायण त्यागी को हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने इसे गम्भीर अपराध मानते हुए वसीम रिजवी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि संविधान अपनी बात कहने का अधिकार देता है लेकिन आप किसी कम्युनिटी या लोगों की भावनाओं को ठेष नहीं पहुंचा सकें। आपको बतादें कि दरअसल नदीम अली निवासी ज्वालापुर हरिद्वार ने हरिद्वार कोतवाली में 2 जनवरी 2022 के साथ कुल तीन एफआईआर वसीम रिजवी के खिलाफ दर्ज हुई। शिकायत में कहा गया है कि हिन्दू साधु संतों द्वारा हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन 17 से 19 दिसम्बर को किया गया। धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आव्हान किया गया । यही नहीं मुसलमानों के पवित्र ग्रन्थ कुरान व पैगम्बर साहब के खिलाफ आपत्ति जनक शब्दों का प्रयोग भी किया गया और बाद में इन भड़काऊ बयानों का वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी , यति नरसिंघानन्द व अन्य ने वीडियो बनाकर वाइरल भी कर दिया। इस भड़काऊ भाषण से जिले में अशांति का माहौल बना रहा और भारत सहित अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत की किरकिरी हुई। प्रबोधानंद गिरी द्वारा हरिद्वार की मस्जिदों में रह रहे लोगो के खिलाफ हिंसा फैलाए जाने का प्रयास भी किया गया ।  पुलिस ने उनकी शिकायत पर आईपीसी की धारा 153 A, 295 तहत नरसिंधानंद गिरी, सागर सिंधु महाराज, धर्मदास महाराज, परमानंद महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा, स्वामी आनंद स्वरूप, अस्वनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण सहित स्वामी प्रबोधानंद गिरी,जितेंद्र नारायण के खिलाफ धर्म संसद के नाम पर भड़काऊ भाषण देने पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया।

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