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नैनीताल :: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून के रायवाला में सरकारी भूमि पर बन रहे वृद्धा आश्रम के निर्माण कार्य को रोके जाने के खिलाफ दायर जनहीत दायर जनहित पर सुनवाई की । मुख्य न्यायधीश वाली खण्डपीठ ने ऋषिकेश के तहसीलदार को चार अगस्त को हाईकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के आदेश दिए हैं।
मामले को रायवाला के ग्राम प्रधान सागर गिरी की तरफ से उच्च न्यायलय में चुनौती दी गयी है। आज जनहित याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरएस खुल्बे की खंडपीठ में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सरकार की ओर से देहरादून के रायवाला में 5 करोड़ की लागत से सरकारी भूमि पर वृद्धा आश्रम का निर्माण किया जा रहा है।
इसके लिये पहली किश्त भी जारी कर दी गयी है और काम शुरू कर दिया गया है लेकिन पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से निर्माण कार्य में बाधा पहुंचायी जा रही है। पहले पुलिस ने और बाद में ऋषिकेश के तहसीलदार ने मौके पर आकर निर्माण कार्य रोक दिया। तहसीलदार के मौका मुआयना करने पर पाया गया कि उक्त भूमि पहले से ही विवादित थी ।जिसकी वजह से बृद्धा आश्रम का कार्य पूर्ण नही हो सका।

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