व्यक्ति जाति समाज के बजाए राष्ट्रीय सुरक्षा राष्ट्र के संप्रभुता व अखंडता सबसे ज्यादा श्रेष्ठ- उत्तराखंड हाईकोर्ट
नैनीताल – पिथौरागढ़ के मिलम जौहार में ढाई हैक्टेयर आईटीवीपी चौकी निर्माण पर हाई कोर्ट ने अपना आदेश दे दिया है। हाई कोर्ट ने सरकार के फैसले को सही बताते हुए अधिसूचना के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि व्यक्ति जाति समाज के बजाय राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्र की संप्रभुता आ अखंडता सब्जे ज्यादा श्रेष्ठ है। दरअसल 1 अगस्त 2015 को राज्य सरकार ने मिलम गावँ में 2.49 हेक्टेयर जमीन पर आईटीवीपी की अग्रिम चौकी निर्माण का फैसला लिया इसका ग्रामीणों को मुआवजा भी दिया गया बावजूद इसके हीरा सिंह पांगती व अन्य ने सरकार की अधिसूचना को हाई कोर्ट में चुनौती दी और कहा कि वो लोग 1880 से यहां राह रहे हैं और संविधान के 342 के तहत भोटिया जनजाति में सूचीबद्ध हैं। याचिका में कहा गया है कि सरकार द्वारा उनकी जमीन का अधिग्रहण करना उनके अधिकारों का उलंघन है। हालांकि सरकार ने बताया कि मिलम गावँ चीन सीमा पर नियंत्रण रेखा से 20-25 किलोमीटर फायरिंग रेंज पर है और मिलम सड़क से जुड़ा अंतिम गावँ है और यहां सेना व अर्धसैनिक बलों की चौकी होना अनिवार्य है ताकि जरूरत के समय यहां सामान और युद्ध सामग्री पहुंचाई जा सके।