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नैनीताल ::- हाई कोर्ट ने वर्ष 2001 में गौलापार स्थित बैंक आफ बड़ौदा में हुई लूटपाट के दो आरोपियों को साक्ष्य के अभाव मे बरी कर दिया। मामले की सुनवाई न्यायमुर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ में हुई। जबकि तीन आरोपी मौके पर ही मारे गए थे। मामले के अनुसार 7 अगस्त 2001 को बैंक आफ बड़ोदरा की शाखा गौलापार में तमंचे व हथियारों के दम पर बैंक कर्मचारियों व प्रबन्धक को बंदी बनाकर लगभग बत्तीस हजार का कैस लूट लिया गया था। किंतु लूटपाट कर रहे तीन अन्य आरोपियों को भागते हुए पुलीस व ग्रामीणों ने मार डाला था। निचली अदालत ने पूरन सिंह लटवाल व रमेश खरवाल को आईपीसी की धारा 395 व आर्म्स एक्ट में दस साल की कठोर कारावास की सजा सुनवाई गयी थी। इस आदेस को दोनों के द्वारा उच्च न्यायलय में अपील दायर कर चुनोती दी गयी थी। अभियुक्त 2018 से जेल में बंद थे। याचीगणों के अधिवक्ताओं द्वारा सुनवाई के दौरान कोर्ट में कहा कि दोनों ही अभियुक्तों को शिनाख्त परेड गवाहों के सममुख नही की । तीन मृतक अभियुक्तों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी पेश नही की गई थी। इसके अतिरिक्त कथित वाहन जिससे घटना को अंजाम दिया गया बताया गया उसके चालक को भी न्यायलय में पेश नही किया गया और कहा गया कि आरोपी घटना में सामील नही थे । अभियुक्तों को बैंक में जाते किसी ने भी नही देखा। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में उन्हें बरी कर दिया।

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