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नैनीताल :::::- शेरवुड़ स्कूल के प्रधानाचार्य अमनदीप संधू और कालेज के कर्मचारी रवि कुमार व सिस्टर पायल पॉल को नैनीताल सीजेएम कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनवाई है और तीनों दोषियों पर 50-50 हजार का जुर्माना लगाया है । हांलाकि सजा तीन साल से कम होने पर कोर्ट ने उसी वक्त तीनों दोषियों को जमानत दे दी है ।

आपको बता दें की इस केस के पैरवी कर रहे मुख्य वकील हरीश पाण्डे के जुनियर शंकर चौहान ने बताया कि 2014 में नेपाल के छात्र शान प्रजापति की स्कूल में तबियत खराब हो गई थी..नैनीताल में किसी अस्पताल और डाक्टर को दिखाने के बजाए स्कूल प्रबंधन ने बच्चे को दो दिनों तक बिमारी की हालत में स्कूल में ही रखा और दो दिन बाद हल्द्वानी बाम्बे अस्पताल में भर्ती किया तो उन्हौने हायर सेंटर भेज दिया । इस दौरान बच्चे की मौत हायर सेंटर से पहले ही हो गई । इस मामले में मृतक छात्र की माँ ने एफआईआर दर्ज की जिसके बाद पूरे मामले की जांच हुई तो प्रधानाचार्य अमनदीप संघू वार्डन रवि कुमार सिस्टर पायल पाँल दोषी पाए गये..

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आज दोषियों को कोर्ट में सजा सुनाई गई जिसके बाद दोषी प्रधानाचार्य समेत अन्य को 2-2 साल की सजा सुनवाई गई है । जिला अदालत के वकील व इस केस में मृतक छात्र को न्याय दिलाने में जुटे हरीश चन्द्र पाण्डे ने कहा कि कोर्ट ने देर से ही भले लेकिन न्याय किया है 2014 के बाद अब 2022 में तीनों को 2-2 साल की सजा हुई है और कोर्ट ने माना की स्कूल प्रबंधन और इन तीनों की लापरवाही के चलते बच्चे की मौत हुई है । हरीश चन्द्र पाण्डे ने कहा कि अगर तीन साल से सजा कम होती है तो उसमें न्यायालय जमानत दे देता है और 1 महिने का समय दोषियों के पास उप्परी अदालत यानि जिला कोर्ट में इस फैसले को चुनौती देने के लिये है जिसमें भी उनके द्वारा विरोध किया जा रहा है । हालांकि इस मामले में कोर्ट रूम से लौट रहे प्रधानाचार्य अमनदीप संधू ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

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