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नैनीताल:::::- हाई कोर्ट ने रुड़की नगर निगम के मेयर गौरव गोयल के द्वारा अपने पद का द्रुपरयोग करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ ने सरकार को निर्देश दिए है कि नगर निगम एक्ट की संसोधित धारा 16 के अंतर्गत दो माह के भीतर कार्यवाही करें। मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने जनहित याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित कर दी है। मामले के अनुसार रुड़की निवासी अमीत अग्रवाल ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि रुड़की नगर निगम के मेयर गौरव गोयल ने अपने पद का द्रुपरयोग किया है। उन्होंने आरोप लगाया है इन्होंने किसी भूमि की लीज बढ़ाने के एवज में 25 लाख रुपये फोन करके मांगी और इनकी आवाज को रिकार्ड कर लिया। बाद में इनकी आवाज का वॉइस सेम्पल फोरेंसिक लैब भेजा गया । फोरेंसिक की रिपोर्ट सही पाई गई। यही नही मेयर ने अपनी एक महिला कर्मचारी के पति को झूठे केस में फंसाया। बाद में उसपर दवाब डालकर कर कहा कि यह केस तभी वापस लूंगा जब आप उनके साथ सम्बंध बनाएं। पुलिस ने इस केस में मेयर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया बाद में उसमें अंतिम रिपोर्ट लगा दी। निचली अदालत ने इस रिपोर्ट को निरस्त कर दुबारा से जाँच करने के आदेस दिए।याचिकाकर्ता का कहना है कि मेयर ने अपने पद का द्रुपरयोग किया है जिसकी शिकायत सरकार को भी की गई परन्तु अभी तक उनको पद से नही हटाया गया।

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