उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने नैनीताल शहर के लिए नए टैक्सी परमिटों पर लगी रोक के मामले पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमुर्ति मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई हेतु 13 जून की तिथि नियत की है। पूर्व में कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि नैनीताल शहर के लिए दिए गए परमिटों का व्योरा पेस करने को कहा था। कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा था कि 2017 से पहले कितने परमिट जारी हुए कितने परमिटों का नवीनीकरण किया गया है कोर्ट को अवगत कराएं। जिस पर राज्य परिवहन आयुक्त देहरादून व संभागीय परिवहन प्राधिकरण हल्द्वानी व अल्मोड़ा ने पूरा व्योरा पेस किया ।हलद्वनी व अल्मोड़ा संभागीय परिवहन प्राधिकरण के द्वारा नैनीताल शहर के लिए वैध परमिटों की संख्या 366 है। परिवहन आयुक्त देहरादून द्वारा जारी नैनीताल शहर के लिए वैध परमिटों की संख्या 1223 है। संभागीय परिवहन प्राधिकरण हलद्वनी व अल्मोड़ा से 3 जुलाई 2017 से अब तक 37 परमिटों का नवीनीकरण हुआ इसी तरह परिवहन आयुक्त देहरादून से नैनीताल शहर के लिए 400 परमिटों का नवीनीकरण किया गया।
मामले के अनुसार प्रो0 अजय रावत की जनहित याचिका की सुनवाई में हाईकोर्ट ने 2017 में नैनीताल शहर के लिये नए टैक्सी परमिट जारी करने पर रोक लगा दी थी । इस मामले में टैक्सी यूनियन नैनीताल ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद परिवहन विभाग द्वारा पुराने परमिट के नवीनीकरण में भी एक मोहर लगाई जा रही है । जिसमें टैक्सी को नैनीताल में प्रवेश की अनुमति नहीं है। जिससे वे 2017 के पहले की टैक्सी भी नैनीताल में नहीं ला पा रहे हैं । टैक्सी यूनियन के अनुसार उनके पास नैनीताल में 250 टैक्सियों के पार्किंग की जगह है । इसके बावजूद उनकी टैक्सी को नैनीताल में प्रवेश की अनुमति नहीं है । जबकि बाहरी क्षेत्रों की टैक्सियां नैनीताल में आ रही हैं । उन्हें नए परमिट जारी किये जाएं और पुराने परमिटों का नवीनीकरण किया जाय। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि 3 जुलाई 2017 से पहले की टैक्सियों के नैनीताल में प्रवेश में रोक नहीं हैं । सरकार पुराने परमिटों का नवीनीकरण कर रही है।