नैनीताल : – उत्तराखण्ड हाइकोर्ट ने कोटद्वार में राजाजी पार्क में माइनिंग पॉलिसी के खिलाफ स्थापित शिद्धबली स्टोन क्रेशर को हटाए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद कोर्ट की खण्डपीठ ने याचिकर्ता को निर्देश दिए है कि वे केंद्रीय पर्यावरण विभाग व राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड को पक्षकार बनाएं। कोर्ट 18 जून तक सभी से अपना पक्ष रखने को कहा है।
आपकों बता दे कि कोटद्वार निवासी देवेंद्र सिंह अधिकारी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि कोटद्वार में राजाजी नेशनल के रिजर्व फारेस्ट में शिद्धबलि स्टोन क्रेशर लगाया गया है यह स्टोन क्रशर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी गाईड लाइनों के मानकों को पूरा नही करता है। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गाइड लाइन में कहा था कि कोई भी स्टोन क्रेशर नेशनल पार्को के 10 किलोमीटर एरियल डिस्टेंस के भीतर स्थापित नही किया जा सकता जबकि यह स्टोन क्रेशर साढ़े छः किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पूर्व में सरकार ने अपनी रिपोर्ट पेश कर कहा था कि यह स्टोन क्रेशर सड़क से 13 किलोमीटर दूर है । जिस पर याचिकर्ता के अधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कोर्ट को बताया था कि दूरी मापने के लिए एरियल डिस्टेंस है न कि सड़क से । सरकार ने इसे सड़क मार्ग से मापा है जो गलत है। सिद्धबली स्टोन क्रेशर पीसीबी के मानकों को भी पूरा नही करता है। यहां स्टोन क्रेशर स्थापित करने से क्षेत्र के साथ साथ वन्यजीव भी प्रभावित हो रहे है। लिहाजा इसको हटाया जाए या इसके संचालन पर रोक लगाई जाय।