नैनीताल:: पेंशनभोगियों ने सेवानिवृत्त व पारिवारिक पेंशन देने में भेदभाव के खिलाफ आवाज़ उठाई व उन्होंने सितंबर अक्टूबर माह की पेंशन दिवाली से पहले जारी नहीं दिए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी को भेजे पत्र में सेवानिवृत्त व पारिवारिक पेंशनभोगियों का कहा कि पूरे जीवनकाल में पालिका को उन्होंने अपनी सेवा दी । उनकी आजीविका पूरी तरह पेंशन पर निर्भर है। पालिका ने जुलाई, अगस्त व सितंबर का वेतन सेवारत कर्मचारियों को अक्टूबर में दे दिया मगर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जुलाई, अगस्त माह की ही पेंशन दी गई। सितंबर की पेंशन तक नहीं दी गई साथ ही कहा कि पालिका द्वारा उनके साथ भेदभाव व अन्याय किया जा रहा है। तमाम पेंशनर बीमारियों से ग्रसित है पर उनके पास इलाज तक के पैसे नही है।
अविभाजित उत्तर प्रदेश पत्र में कहा गया है कि नगरविकास विभाग के 12 अप्रैल 1983 के शासनादेश में यह साफ स्पष्ट है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सुविधाओं की अत्यधिक आवश्यकता होती है, क्योंकि उस समय उनकी आय कम हो जाती है।इस अवस्था मे अन्य कार्य करने में अक्षम रहते हैं, उनका स्वास्थ्य भी गिर जाता है। इसके बावजूद उन्हें एक माह की कम पेंशन दी गई, शासन द्वारा हर माह बजट देने के बाद भी पेंशन नहीं दी जा रही है। पालिका ने यह परंपरा बना ली है, कि जबतक सेवारत कर्मचारियों को वेतन ना मिले उसके बाद ही पेंशनरों की सुध ली जा रही है। कहा कि पालिका में ग्रेच्युटी व पेंशन एरियर का भुगतान तक नहीं किया है। जिनकी सिफारिश होती है, उसका भुगतान कर दिया जाता है। पेंशनरों ने हर माह की सात तारीख को पेंशन जारी करने व सितंबर अक्टूबर की पेंशन भी नवंबर पहले सप्ताह दिवाली से पहले जारी करने की मांग उठाई है। पत्र में सावित्री साह, उमा साह, जीवन लाल, हीरा सिंह रौतला, चंपा, आशा, निर्मला, नारायण, परमेश्वरी, नारायण दात्त जोशी, भगवत, मोहन चंद जोशी, जानकी, सुशील व अन्य के हस्ताक्षर शामिल हैं।